शेयर बाजार क्या है और कैसे सीखें? | What is Share Market in Hindi?

शेयर मार्केट क्या है और कैसे चलता है? | शेयर बाजार का काम कैसे सीखे? | शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे करें? | भारत में शेयर कैसे खरीदें? | शेयर मार्केट फुल इनफॉरमेशन इन हिंदी 

बहुत से लोगों को लगता है कि शेयर बाजार को समझना बहुत ज्यादा कठिन है। वहीं कुछ लोग तो इसे जुआ सट्टा भी मानते हैं। लेकिन वह कहते हैं ना कि अधूरा ज्ञान बहुत ज्यादा खतरनाक होता है यह आपको किसी भी क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ने देगा। इसीलिए किसी भी क्षेत्र में अपना कदम बढ़ाने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी लेना बहुत जरूरी है। बात करें शेयर बाजार की तो यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। जब दूसरे लोग यहां से लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे हैं तो आप भी यह कर सकते हैं। और इसके लिए सबसे पहला कदम यह है कि आपको शेयर बाजार के बेसिक्स को समझना होगा। इसीलिए हम आपको इस आर्टिकल में शेयर बाजार के बारे में फुल इनफार्मेशन इन हिंदी में देने वाले हैं। आप चाहें तो हमारी वेबसाइट के दूसरे आर्टिकल पढ़कर अपने मार्केट ज्ञान को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं -

शेयर मार्केट क्या होता है?

शेयर मार्केट को शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट भी कहा जाता है। इसे समझने से पहले हमें यह जानना होगा कि मार्केट का मतलब क्या होता है। मार्केट का मतलब "एक ऐसी जगह जहां चीजों को खरीदा और बेचा जाता है।" और जब हम शेयर मार्केट की बात करते हैं तो हम यहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयरों को खरीदते और बेचते हैं।

कोई भी व्यक्ति जिसे लगता है कि किसी कंपनी के शेयर की प्राइस भविष्य में बढ़ जाएगी वह उस कंपनी के शेयर खरीद लेता है और फिर ज्यादा कीमत पर बेचकर प्रॉफिट कमाता है।

शेयर क्या होता है?

अब हमारे मन में यह सवाल आता है कि शेयर का मतलब क्या होता है?

देखिए शेयर का मतलब होता है हिस्सा या हिस्सेदारी और जब हम शेयर मार्केट की बात करते हैं तो यहां हम किसी कंपनी में हिस्सेदारी की बात करते हैं। आपके पास किसी भी कंपनी के जितने ज्यादा शेयर होंगे, आप उस कंपनी के उतने ही ज्यादा भाग के मालिक कहलाएंगे।

शेयर कैसे बनता हैं?

इसे समझने के लिए हम एक उदाहरण की सहायता लेंगे - मान लीजिए कि XYZ जेड एक कंपनी है जो कि दिल्ली में जूते बनाने का व्यापार करती है। धीरे-धीरे इस कंपनी के जूते बहुत ज्यादा फेमस हो जाते हैं तथा इनकी डिमांड दिल्ली के बाहर भी बढ़ जाती है। अब कंपनी के मालिक चाहते हैं कि वह अपनी इस कंपनी को पूरे देश में फैला दें ताकि हर राज्य तक उनके जूते पहुंच सके। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें बहुत सारे पैसों की जरूरत पड़ेगी जिससे वह हर राज्य में अपना कारखाना खोल सकें। 

अब पैसे जुटाने के लिए कंपनी के पास तीन रास्ते हो सकते हैं - 

1. बिजनेस लोन - कंपनी के मालिक इसके लिए किसी भी बैंक से लोन ले सकते हैं। लेकिन वह ऐसा नहीं करते क्योंकि इसके बदले में उन्हें बहुत सारा ब्याज भी चुकाना पड़ेगा।

2. बड़ा निवेश - कंपनी के मालिक किसी बड़े अरबपति इंसान को अपनी कंपनी में हिस्सेदारी देकर निवेश करने को कह सकते हैं। लेकिन वह ऐसा भी नहीं करते।

3. आम जनता - कंपनी के मालिक पैसे जुटाने के लिए तीसरा रास्ता चुनते हैं वह है आम जनता। इसके लिए वह अपनी कंपनी को किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में जाकर लिस्ट करा देते हैं।

इसके बाद कंपनी की तरफ से एक परिपत्र जारी किया जाता है जिसे IPO कहा जाता है इसमें कंपनी के सभी रिकॉर्ड्स और भविष्य के उद्देश्यों का वर्णन रहता है। अब मान लीजिए कंपनी को 1 अरब रूपए की आवश्यकता है तो कंपनी 100 रुपए के 10000000 शेयर जारी करेंगी। कंपनी चाहें तो शेयर की प्राइस ज्यादा या कम भी कर सकती हैं। 

अब जिन भी लोगों को कंपनी के IPO के आधार पर लगता है कि कंपनी के शेयर की वैल्यू आने वाले समय में बढ़ जाएगी वह इसे खरीद कर रख लेंगे। अब शेयर बेचकर कंपनी को जितने पैसो की आवश्यकता थी वह उसे मिल जाते हैं और वह इसे अपने बिजनेस में लगा देती है।

शेयर की कीमत कम-ज्यादा क्यों होती हैं?

इसके बाद कंपनी के शेयर के साथ दो परिस्थिति हो सकती हैं -

1. कंपनी अपने IPO से जुटे पैसों को अपने बिजनेस में लगा देती है और उसका बिजनेस बहुत अच्छी तरह से चलने लगता है। जिससे कंपनी को अच्छा प्रॉफिट भी होता हैं। कंपनी के बढ़ते बिजनेस को देखकर जिन लोगों ने शुरुआत में कंपनी के शेयर नहीं खरीदे थे अब वह ज्यादा कीमत पर भी इस कंपनी के शेयर खरीदना चाहेंगे। जैसे-जैसे कंपनी के शेयर की डिमांड बढ़ती जाएगी उसकी कीमत भी बढ़ती जाएगी। इस प्रकार जिन लोगों ने IPO के समय शेयर खरीदा था वह चाहे तो ज्यादा कीमत पर उसे बेचकर प्रॉफिट कमा सकते हैं।

2. दूसरी परिस्थिति यह हो सकती है कि किसी भी कारण से कंपनी को बहुत सारा लॉस होता है। उसके जूतों की डिमांड भी घट जाती है या कंपनी कर्ज में डूब जाती है। तो शेयर मार्केट में अब कोई भी इस कंपनी के शेयर नहीं खरीदना चाहेगा। इसलिए जिन लोगों के पास भी इस कंपनी के शेयर होंगे वह कम कीमत में भी शेयर को बेचना चाहेंगे ताकि शेयर की प्राइस और ज्यादा कम ना हो जाए। इस प्रकार उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। 

दोस्तों मार्केट में दोनों ही प्रकार के लोग मौजूद होते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि शेयर की प्राइस बढ़ेगी वहीं कुछ लोगों को लगता है कि शेयर की प्राइस घटेगी। इस प्रकार अपने अपने अनुमान के हिसाब से लोग शेयर को खरीदते और बेचते रहते हैं। जिससे शेयर की क़ीमत कम ज्यादा होती रहती है। आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि हर दिन शेयर मार्केट में लाखों-करोड़ों ट्रांजैक्शन होते हैं। 

शेयर कैसे खरीदें? 

किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए हमें एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार बैंक अकाउंट में हमारे पैसों को सुरक्षित रखा जाता है उसी प्रकार डिमैट अकाउंट में शेयरों को रखा जाता हैं। यदि आपने अभी तक अपना डिमैट अकाउंट नहीं खुलवाया है तो आप नीचे दी हुई लिंक से Groww App पर अपना फ्री डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। 

Groww App पर डिमैट अकाउंट खुल जानें के बाद आपको App पर पैसे Add करना होगा। अब आप जिस भी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं उसका नाम सर्च करके Buy बटन पर क्लिक करें। शेयर आपके डिमैट अकाउंट में आ जायेंगे। इसके बाद आप जब चाहें इन शेयरों को बेच सकते हैं।

शेयर्स कब खरीदने चाहिए?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि हमें किसी भी कंपनी के शेयर कब खरीदना चाहिए। देखिए, किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से एनालिसिस जरूर करें। कंपनी का बैकग्राउंड कैसा है और कंपनी का वर्किंग मॉडल क्या है। कंपनी की बैलेंस शीट सभी चेक करने के बाद ही कंपनी में इन्वेस्ट करें। शुरुआत में यदि आपके पास ज्यादा नॉलेज नहीं है तो आप कुछ बड़ी कंपनियों जैसे Reliance, TATA, Adani के शेयर long term के लिए खरीद सकते हैं क्योंकि यह सभी कंपनियां काफी भरोसेमंद है। 

शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाएं?

दोस्तों, शेयर मार्केट से पैसे कमाने के मुख्यत: 2 तरीके हैं। पहला तरीका है Investing और दूसरा है Trading. Investing में हम किसी भी कंपनी के शेयर को लंबे समय के लिए खरीदते हैं तथा इसमें जोखिम भी कम होता है। वहीं यदि आप किसी भी शेयर को आज खरीद कर आज या कल में ही बेच देते हैं तो यह Trading कहलाता हैं। इसमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है। 

म्यूचुअल फंड क्या है?

बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती लेकिन फिर भी वह अपना पैसा शेयर मार्केट में लगाना चाहते हैं। तो उनके लिए म्यूच्यूअल फंड एक अच्छा विकल्प है। इसमें आपका पैसा विशेषज्ञों द्वारा अच्छी तरह से एनालिसिस करके शेयर मार्केट में लगाया जाता है।

शेयर मार्केट का इतिहास

हमारे देश में शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे वर्ष 1840 में हुई थी। तब कुछ लोग इस पेड़ के नीचे मिलकर शेयरों का लेनदेन करते थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या में वृद्धि होने लगी और 1857 में सभी ने मिलकर अपना नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन (Native Share and Stock Brokers Association) बना लिया जहां कोई भी ब्रोकर ₹1 की एंट्री के साथ शामिल हो सकता था और इन्होंने अपना ऑफिस दलाल स्ट्रीट पर खोला।

ऊपर चित्र पर आप जिस पहली बिल्डिंग को देख रहे हैं वह दलाल स्ट्रीट पर स्थित BSE यानी Bombay Stock Exchange की फ़ोटो हैं। जिसे सरकार ने आजादी के बाद हमारे देश के एक प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा दिया। वर्तमान में यह एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसके अलावा हमारे देश में दूसरा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज NSE यानी National Stock Exchange हैं जो की मुंबई में ही स्थित हैं। 

मंदी, तेज़ी और मार्केट क्रैश

तेज़ी - जब मार्केट में किसी कंपनी के शेयर को बहुत ज्यादा खरीदा जाता है तो उसकी कीमत भी बढ़ जाती है। जिसे हम कहते हैं कि शेयर की क़ीमत में तेजी हैं और इसे सांड (Bull) के चित्र द्वारा दर्शाया जाता है।

मंदी - जब किसी कंपनी के शेयर को कोई नहीं खरीदना चाहता तो उसकी डिमांड भी घट जाती है जिससे उसकी कीमत भी घट जाती है। जिसे हम मंदी कहते हैं और इसे भालू (Bear) के चित्र द्वारा दर्शाया जाता है।

मार्केट क्रैश - कभी-कभी किसी बहुत बड़ी घटना के कारण लोग बहुत ज्यादा मात्रा में शेयर बेचने लग जाते हैं जिससे शेयर मार्केट की सभी कंपनियों की कीमत अचानक घटने लग जाती है। इसे मार्केट क्रैश कहा जाता है। जैसे 2008 का मार्केट क्रैश। 

सेंसेक्स और निफ्टी क्या है?

सेंसेक्स - यह BSE पर लिस्टेड टॉप 30 कम्पनियों का एक बेंचमार्क यानि Index हैं। 

निफ्टी - यह NSE में लिस्टेड 50 प्रमुख कम्पनियों का Index है। 

यदि सेंसेक्स पॉजिटिव बना हुआ है तो इसका मतलब है कि BSE पर लिस्ट टॉप 30 कंपनियों के शेयर की कीमत में तेजी हैं। वहीं यदि सेंसेक्स निगेटिव है तो इसका मतलब इन शेयरों की कीमत में अभी मंदी है। और यही काम NSE का इंडेक्स निफ्टी भी करता है। इस प्रकार सेंसेक्स और निफ्टी मार्केट के ओवरव्यू को बताते हैं। 

शेयर मार्केट कैसे सीखें?

दोस्तों यदि आप एक Beginner और शुरुआत से शेयर मार्केट को सीख कर इससे पैसे कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको चुनना होगा कि आप एक Investor बनना चाहते हैं या Trader. 

यदि आप Investor बनकर पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको फंडामेंटल एनालिसिस को सीखना होगा। ताकि आप Long Term के लिए एक अच्छी कंपनी में इन्वेस्ट करके अच्छा प्रॉफिट कमा सकें। Investing में रिस्क कम होता है और यदि आप एक अच्छी कंपनी में निवेश करते हैं तो आपको 14-15 परसेंट CAGR ( Compound Annual Growth Rate) आसनी से मिल सकता हैं। हमारे देश की कुछ जानी मानी कंपनियों का पिछले 15 सालों का CAGR 30 परसेंट तक का हैं।

यदि आप Trading करके शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। Trading सीखने के लिए आपको तकरीबन 2 साल का समय देना होगा। जैसा कि आप जानते हैं कि ट्रेडिंग में हम बहुत कम समय के लिए किसी शेयर को खरीद कर बेच देते हैं। इसके लिए हमें त्वरित फैसले लेने की जरूरत होती है। इसीलिए ट्रेडिंग करने से पहले हमें निम्न चीजों की को सीखना होगा -

1. मार्केट बेसिक्स

2. टेक्निकल एनालिसिस

3. मार्केट साइकोलॉजी

ट्रेंडिंग सीखने के लिए काफी धैर्य की आवश्यकता होती है। मार्केट में वही इंसान सफल होता है जिसके पास एक्सपीरियंस होता है। इसलिए शेयर मार्केट में सफल होना चाहते हैं तो अपना जितना समय मार्केट को समझने में देंगे आप उतने ही अच्छे इन्वेस्टर या ट्रेडर बनते जाएंगे। मार्केट को सीखने और समझने के लिए का आप Books, Movies और YouTube का सहारा ले सकते हैं।

शेयर मार्केट में कितना रिस्क है?

अक्सर आपने लोगों को बोलते सुना होगा कि शेयर मार्केट बहुत ज्यादा रिस्की है। इसमें पैसे मत लगाना वरना कंगाल हो जाओगे, यह एक जुआ है। 

देखिए रिस्क तो हर जगह है यदि आप बिना सीखे सड़क पर गाड़ी चलाते हैं तो इसमें आपकी जान जाने का रिस्क है। इसलिए जो लोग शेयर मार्केट को अच्छी तरह से नहीं समझते वह लोग इसे जुआ बोलते हैं। कुछ लोग यहां सिर्फ पैसे कमाने आते हैं और वह रातो रात करोड़पति बनना चाहते हैं। लेकिन शेयर मार्केट ऐसी कोई जगह नहीं है जो आपको रातो रात करोड़पति बना देगी यहां भी आपको उतनी ही मेहनत करना पड़ेगा जितनी आपको दूसरी जगहों पर पैसे कमाने के लिए करनी पड़ती है। 

आपने यूट्यूब पर बड़े-बड़े ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को देखा होगा जो रोज लाखों रुपए मार्केट से कमाते हैं। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने ना जाने कितनी मेहनत की है यह हमें नहीं बताया जाता। मार्केट में आपका एक्सपीरियंस जितना ज्यादा है आप उतना ही अच्छे खिलाड़ी कहलाएंगे। जब आपके पास चार पांच साल का अनुभव होगा तब आपको चार्ट पढ़ना भी आ जाएगा और इस हिसाब से आप सही जगह पर ट्रेड ले सकेंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs

1. शेयर बाजार क्या है?

शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयरों को खरीदा और बेचा जाता है। 

2. भारत में शेयर बाजार कहां है ?

NSE और BSE भारतीय शेयर बाजार के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं जो कि मुंबई में स्थित है।

3. किसी कंपनी का शेयर कब बढ़ता है?

जब किसी कंपनी के शेयर को लोग ज्यादा मात्रा में खरीदने लगते हैं तो उसकी कीमत भी बढ़ने लगती है।

4. एक व्यक्ति कितने शेयर खरीद सकता है?

कोई भी व्यक्ति अपनी आय के अनुसार जितने चाहे उतने शेयर खरीद सकता है। लेकिन यदि आप अपनी आय से अधिक के शेयर खरीदते हैं तो आपको इनकम टैक्स को जवाब देना पड़ सकता है।

5. शेयर बाजार कितने दिन खुलता है?

भारतीय शेयर बाजार सोमवार से शुक्रवार सुबह 9: 15 से दोपहर 3: 15 तक खुले रहते हैं। 

6. शेयर मार्केट का गणित क्या है?

शेयर मार्केट मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर काम करता है। जब किसी शेयर की मांग बढ़ जाती है तो उसकी कीमत भी बढ़ जाती है और जब किसी शेयर की मांग घट जाती है मतलब उसकी आपूर्ति बढ़ जाती है तो उसकी कीमत भी घट जाती है।

Conclusion

हम आशा करते हैं कि आपको शेयर मार्केट क्या है इन हिंदी यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आप शेयर मार्केट को शुरुआत से सीखना चाहते हैं तो आप हमारे वेबसाइट के अन्य ब्लॉग को पढ़ सकते हैं। यहां हम आपके लिए फाइनेंस शेयर मार्केट से जुड़ी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियां लाते रहते हैं। शेयर मार्केट से जुड़े हुए कोई भी सवाल आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं। 

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