शेयर बाजार में आर्डर क्या है ? और यह आर्डर कितने प्रकार के होते हैं – (Types of Orders in stock Market)
आप शेअर मार्केट में जब दलाल (Broker) के पास पहलीबार ऑर्डर बुक करते है तब वह ठिक से बुक हुई है या नहीं यह देखिए। जैसे कि दलाल (Broker) और आपके बिच का संवाद बिना गलती हुआ है या नहीं। आपने दलाल (Broker) को शेअर का नाम, कोड नंबर, शेअर का चिन्ह यह सभी बाते ठिक से बतानी चाहिए। उसी के साथ कितने शेअर खरीदने अथवा बेचने है और उनकी योग्य संख्या बाद में खुद का कोड नंबर देना चाहिए। मार्केट ऑर्डस (Market Orders) और लिमिट ऑर्डस (Limit Order) में स्टॉप लॉस (Stop Loss) का ध्यान रखना जरूरी है आज इस समय हर दलाल (Broker) अपना Mobile App देता है तो आप Mobile App से या दलाल (Broker) ने दी हुयी वेबसाइट से अपना मार्किट आर्डर (Market Orders), लिमिट आर्डर (Limit Order), स्टॉप लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) और स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर (Stop Loss Market Order) लगा सकते है
शेयर मार्किट सारे काम आप एक मोबाइल App या वेबसाइट से कर सकते है.
मार्केट ऑर्डर (Market Orders) क्या होता है?
मार्केट ऑर्डर (Market Orders) यह ऑर्डर देने का एक आसान और तेज तरिका है। यह पद्धत सामान्यरूप से व्यवहार में प्रचिलीत होती है। यह ऑर्डर देते समय आपको दलाल को शेअर का नाम, कोड नंबर अथवा चिन्ह बताना पड़ता है।
शेअर की संख्या बतानी पड़ती है। फिर मार्केट भाव से दलाल खरीदी या बिक्री का व्यवहार करता है और तुरंत आपको व्यवहार का कनफरमेशन देता है। इस व्यवहार में खरीदी करते समय थोड़ा अधिक पैसा देना पड़ता है और बिक्री करते समय थोड़े कम पैसे आपको मिलते है। मगर इस व्यवहार में आपकी लेनदेन ९९ से १००% होती है।
लिमिट ऑर्डर (Limit Order) क्या होता है?
लिमिट ऑर्डर (Limit Order) इस प्रकार के व्यवहार में आप थोड़े कम भाव में या अपने मर्यादित भाव में शेअर ले सकते है और अधिक फायदा करके बेच सकते है।
इसमें एक घाटा यह है कि कभी कभी हमने तय किए शेअर का भाव मार्केट भाव के नजदीक होगा तभी व्यवहार होने की संभावना अधिक होती है और हमारा भाव माकेट भाव से दूर होगा तब व्यवहार होने की संभावना कम होती है। उदा. Reliance ltd का मार्केट भाव २२२५ रू. है और हमें २२०० रू. में उनके शेअर लेने है तो हमें दलाल को २२०० रू. भाव बताते है और अगर हमें वह माल मिला तो ही हमें २५ रूपयों का फायदा होगा। यह लिमिट ऑर्डर (Limit Order) का फायदा है। पर समझिए की Reliance ltd का भाव २२२५ रू. से कम हुआ ही नहीं और वो २२५० रू पर स्थिर हुआ तो हमें वो शेअर नहीं मिलते और हमें होनेवाला फायदा हाथ से जाता है। यह इस लिमिट ऑर्डर का घाटा है।
स्टॉप लॉस ऑर्डर (Stop Loss Order) क्या होता है?
स्टॉप लॉस (Stop Loss) का अर्थ निवेशक का अधिक से अधिक नुकसान होने से बचाव करना। शेअर का व्यवहार हमें मिलनेवाला फायदा सुरक्षित रखने के लिए और व्यवहार में होनेवाले नुकसान पर नियंत्रण रखने के लिए स्टॉप लॉस (Stop Loss) करना बहुत जरूरी है।
इसका हमने ठिक से उपयोग किया तो भविष्य में होनेवाले बड़े नुकसान से हम बच सकते है। उदा. समझ लीजिए कि Reliance ltd का मार्केट भाव २२२५ रू. है और हमें उनकी खरीदी २२३० रूपयों में की है। हमने मन में तय किया की १० रूपए से अधिक नुकसान नहीं होने देंगे। याने की हमने २२२० को स्टॉप लॉस (Stop Loss) लगाया। अगर Reliance ltd का भाव २२०० तक कम हुआ तो उससे होनेवाले अधिक नुकसान से हमारा बचाव होता है।
स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर (Stop Loss Market Order) क्या होता है?
स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर (Stop Loss Market Order) के अंदर आप ट्रिगर प्राइस (Trigger price) सेट कर सकते है।
अगर आपने ट्रिगर प्राइस (Trigger price) सेट किया तो जो भी ट्रिगर प्राइस (Trigger price) होगा उसके आस पास जो भी प्राइस होगा अगर Buyers को Seller या Seller को Buyers मिला तो उस प्राइस पर आपके शेयर Sell Off हो जायेंगे। चलिए हमने ये रेगुलर टाइप्स ऑफ़ ऑर्डर्स (Regular Types of Orders) देख लिए अब एडवांस्ड टाइप्स ऑफ़ आर्डर (Advanced types of order) देख लेते है अभी तक हम रेगुलर ऑर्डर्स (Regular orders) की बात कर रहे थे इसके आलावा आप ब्रैकेट आर्डर (Bracket order) या कवर आर्डर (Cover Order) भी लगा सकते है।
ब्रैकेट आर्डर (Bracket order) क्या होता है?
अगर आप कुछ रेंज के अंदर यानि की एक ब्रैकेट के अंदर आर्डर क्रिएट करना चाह रहे है तब ब्रैकेट आर्डर (Bracket order) लगा सकते है यानि की आप एक स्टॉप लॉस (Stop Loss) और टारगेट प्राइस (Target price) लगा सकते है।
उसके ऊपर जैसे ही प्राइस जाता है तो सारे के सारे शेयर आपके Sell Off हो जायेंगे और आपका प्रॉफिट बुक हो जायेगा साथ में आप निचे स्टॉप लॉस (Stop Loss) भी लगा सकते है उसके निचे अगर प्राइस जाता है तो आपकी लॉस बुकिंग हो जाएगी तो अगर आप एक ब्रैकेट के अंदर ट्रेड करना चाहते है तो आप ब्रैकेट आर्डर (Bracket order) लगा सकते है इसमें आपको स्टॉप लॉस (Stop Loss) लगाना होगा इसमें स्टॉप लॉस (Stop Loss) आपको अमाउंट (Amount) में लगाना होगा यानि की आप कितना अमाउंट (Amount) आप लोस्स झेल सकते है।
इसके बाद आपको यहाँ पर टारगेट (Target) भी लगाना होता है टारगेट (Target) भी आपको अमाउंट में लगाना होगा आपको लगता है की आपका जो भी कंपनी का शेयर है वो आज इंट्रा-डे (Intraday) में इतना उप्पर जायेगा तो उतना आप टारगेट (Target) लगा सकते है जितना आपको प्रॉफिट चाहिए उतना आप अपना टारगेट (Target) लगा सकते है और बुक कर सकते है ब्रैकेट आर्डर (Bracket order) में आप ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss) भी लगा सकते है ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss) का क्या मतलब है? ये थोड़ा ध्यान से समजिये मानलीजिए मैं यहाँ पे १ रूपए का ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss) लगा देता हुं।
मानलीजिए अभी Reliance ltd का प्राइस चल रहा है २२२५ रूपए मानलीजिए मैंने स्टॉप लॉस (Stop Loss) प्राइस रखा २२२० रूपए और टारगेट प्राइस मैंने रखा है ५० रूपए उप्पर यानि मेरा टारगेट प्राइस २२७५ हो गया अगर Reliance ltd का शेयर २२७५ रूपए के १ रूपए उप्पर चला गया यानि २२७६ हो गया तो मेरा स्टॉप लॉस (Stop Loss) २२२१ हो जायेगा क्युकी मैंने ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss) १ रूपए डाला था लेकिन जब प्राइस निचे आएगा तो मेरा स्टॉप लॉस (Stop Loss) निचे नहीं जायेगा तो आप इसी तरह ब्रैकेट आर्डर (Bracket order) लगा सकते हो।
कवर आर्डर (Cover Order) क्या होता है?
कवर आर्डर (Cover Order) में हमें लिवरेज (Leverage) थोड़ा सा ज्यादा मिलता है इसका मतलब जो है आपको स्टॉप लॉस (Stop Loss) लगाना ही पड़ेगा स्टॉप लॉस (Stop Loss) कंपल्सरी क्यों लगाना पड़ेगा क्युकी आपको ब्रोकर कंपनी लिवरेज (Leverage) ज्यादा दे रही है।
अगर ब्रोकर ज्यादा लिवरेज (Leverage) दे रहा है यानि की आप काम मार्जिन से ज्यादा अमाउंट का ट्रेड कर सकते है तो obiously ब्रोकर कंपनी चाहेगी की आपका रिस्क (Risk) कम हो तो यहाँ पे आपको स्टॉप लॉस ट्रिगर (Stop loss trigger) लगाना पड़ेगा लेकिन आपके स्टॉप लॉस (Stop Loss) और शेयर प्राइस में १.५ परसेंट से ज्यादा का डिफरेंस नहीं होना चाहिए तो कवर आर्डर (Cover Order) का मतलब यही है की आप आपका लॉस कवर करके चलो और इसमें भी आप अपना प्राइस सेट कर के चल सकते है
यानि जितने में आपको शेयर खरीदना हो वो प्राइस लगा सकते है जैसे ही वो प्राइस हिट हो जायेगा आपका शेयर Purchase हो जायेगा।
आफ्टर मार्केट आर्डर (After Market Order) क्या होता है?
आफ्टर मार्केट आर्डर (After Market Order) का मतलब ये है की मानलीजिए आप ३.३० बजे तक आप ट्रेड नहीं कर पाए है और आप अगले दिन के लिए Purchase करना चाहते है तो आप आफ्टर मार्केट आर्डर (After Market Order) लगा सकते है।
ये आपका ३.४५ बजे से लेके आप अगले दिन के ८.५९ बजे तक आप आफ्टर मार्केट आर्डर (After Market Order) लगा सकते है इस आर्डर में भी आप प्राइस लगा सकते है जिस में आप जो भी शेयर है उसको किस प्राइस में खरीदना है उस प्राइस को लगा कर आप ये शेयर खरीद सकते है।
।। धन्यवाद ।।
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